विद्यालय परिचय
श्री सरस्वती विद्या मंदिर हा० सै० स्कूल, सिहानी, गाजियाबाद की स्थापना सन् 1966 में श्रीमती भाग्यवती जी के कर कमलों द्वारा हुई थी| विद्यालय का प्रबंधन निज संस्थान द्वारा किया जाता रहा है । विद्यालय को सन् 1969-70 में हाईस्कूल की मान्यता उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् से मिली। सन् 1972 में यह विद्यालय अनुदान सूची में शामिल हुआ | यह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के सिहानी क्षेत्र में स्थित है। विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक की शिक्षा दी जाती है । ….
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विद्यालय सह-शैक्षिक है और इसमें पूर्व-प्राथमिक खंड संलग्न नहीं है। इस विद्यालय में शिक्षा का माध्यम हिंदी है। इस विद्यालय में शैक्षणिक सत्र अप्रैल में प्रारम्भ होता है।

विद्यालय के विकास में सन् 1966 ई0 से लेकर आज तक प्रबंध तंत्र में रहने वाले सभी महानुभावों ने विद्यालय की उन्नति के लिए विशेष प्रयास किए हैं जिनमें संस्थापक प्रबन्धक श्रीमती भाग्यवती जी एवं श्री दया शंकर वत्स जी का विशेष योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता|

इस विद्यालय में शिक्षण उद्देश्यों के लिए 10 कक्ष हैं। सभी कक्षों की स्थिति ठीक है। इसमें गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अन्य कक्ष हैं। विद्यालय में प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक के लिए अलग कक्ष है। विद्यालय में पक्की चाहरदीवारी है। विद्यालय में विद्युत एवं जनरेटर की समुचित व्यवस्था है। विद्यालय में दो पुरुष और दो महिला शौचालय है। विद्यालय में एक पुस्तकालय है और इसके पुस्तकालय में 500 से अधिक पुस्तकें हैं।

Messages

श्री आलोक वत्स

प्रबन्धक - श्री सरस्वती विद्यालय मंदिर हा० सै० स्कूल , सिहानी, गाजियाबाद

मैं विद्यालय का प्रबन्धक होने के नाते सभी क्षेत्रवासियों को पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आप सभी शिक्षा के क्षेत्र में हमारा पूर्ण सहयोग करेंगे जिससे हमारा विद्यालय क्षेत्र की जनता को .. Read More...

डॉ० विभावना

श्री सरस्वती विद्यालय मंदिर हा० सै० स्कूल , सिहानी, गाजियाबाद


विद्यालय वेबसाइट www. ssvmhsghaziabad.in आपके सम्मुख प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है| विद्यालय तथा उससे संबंधित ... Read More...
शिष्टाचार और छात्र व्यवहार दिशानिर्देश - इस जानकारी का उद्देश्य उचित व्यवहार को समझने में छात्रों की सहायता करना है। ...आपको शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों के आदेशों का पालन करना चाहिए।
सभी विद्यार्थियों को निर्धारित समय पर विद्यालय आना अनिवार्य है।
"एस एस वी एम हा० सै० स्कूल एक आदर्श स्कूल है जहां सभी छात्र समान हैं, सभी शिक्षक त्याग की भावना के साथ प्रत्येक विद्यार्थी का ध्यान रखते हैं।
विद्यालय आपका है, अतः आप इसके प्रमुख अनुशासन निर्माता है ऐसी दशा में महाविद्यालय में आदर्श-प्रभावी `स्थापना का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपका है |
वो शिक्षक ही होता हे जो अपने ज्ञान से व्यक्ति , समाज और राष्ट्र का निर्माण करता हे। वो शिक्षक ही होता हे जो विधार्थी में आत्मविश्वास का संचार करता हे जिसकी वजह से विधार्थी अपने जीवन में कुछ करने का हौसला रखते हे
निर्धारित लक्ष्य के बिना आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते. ... कठिनाइयों में भी अपने लक्ष्यों का पीछा करते रहें, और विपत्तियों को अवसरों में बदल दें. .
शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल को प्रदान करती है। यह सीखने की निरंतर, धीमी और सुरक्षित प्रक्रिया है, जो हमें ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो हमारे जन्म के साथ ही शुरु हो जाती है और हमारे जीवन के साथ ही खत्म होती है।
कौशल विकास का मतलब होता है हम अपने कुछ किए हुए कार्यों को आगे ले जा करके उनका विकास कर सकें। यदि हम अभी वर्तमान Present में स्टूडेंट हैं या कुछ हमने पढ़ाई की है या किसी प्रकार के हमें काम करने की क्षमता है तो, उसका विकास यानी उसमें हमें तरक्क़ी लाना है और आगे जाकर के उससे लाभ प्राप्त करना है।
विद्यालयी वातावरण के अन्तर्गत उन सभी तथ्यों का समावेश होता है जो विद्यालय के वातावरण को स्वस्थ्य रखने, बालकों में स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की आदतों के निर्माण में सहायक सिद्ध होता है।
General faq
  • वहां कुछ बाधाएं मौजूद हैं जो अधिक योग्यता-आधारित शिक्षा प्रणाली को रोकती हैं

    आज की शिक्षा प्रणाली में शामिल प्रथाएं शामिल हैं, जिनमें नीति और दशकों पुरानी विधियां शामिल हैं, जो स्कूलों को योग्यता-आधारित मॉडल में जाने से रोकता है।

    इस समस्या के समाधान में शामिल हैं:

    • योग्यता आधारित शिक्षा पर शैक्षणिक संसाधन बनाना और बनाना। ये संसाधन सर्वोत्तम प्रथाओं, रूब्रिक या उपकरण, या शोध हो सकते हैं।
    • अभिनव स्कूल जिलों के लीग के गठबंधन की सुविधा जो काम कर रहे हैं| सफल योग्यता-आधारित मॉडल का निर्माण करें।
    • दक्षताओं और क्रेडिट की लचीली ट्रैकिंग के लिए एक तकनीकी समाधान बनाना।
  • नेतृत्व हमेशा दूसरे क्रम में परिवर्तन, और संभावित नेतृत्व भूमिकाओं में समर्थन नहीं करता है

    इस समस्या के समाधान में शामिल हैं:

    • द्वितीय क्रम परिवर्तन नेतृत्व को सक्षम करने के लिए अभिनव स्कूल प्रयासों के लीग को बढ़ावा देना।
    • पेशेवर विकास में उपयोग किए जाने के लिए एक ढांचा बनाना, जो दूसरे क्रम में परिवर्तन नेतृत्व चर्चाओं को लक्षित और समझाएगा।
    • द्वितीय क्रम परिवर्तन नेतृत्व के बारे में अनुसूची पैनल चर्चाएं।
  • प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन सहित समुदायों और संस्कृतियों को बदलने के लिए प्रतिरोधी हैं।

    इस समस्या के समाधान में शामिल हैं:

    • विद्यालय और जिला हितधारकों और समुदाय के सदस्यों के साथ अत्याधुनिक और तकनीक-समझदार सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के नए और आकर्षक तरीकों की पहचान करना।
    • प्रौद्योगिकी समृद्ध स्कूलों में व्यावसायिक नेताओं को शामिल करें और स्कूल-व्यवसाय साझेदारी बनाएं।
    • राष्ट्रीय एड-टेक जागरूकता अभियानों का नेतृत्व करने के लिए प्रभावशाली संगठनों की तलाश करें।
  • Testimonial
    • हम अपने बेटे एवं बेटी की स्कूली शिक्षा श्री सरस्वती विद्या मंदिर हा० सै० स्कूल, गाजियाबाद में कराने के निर्णय से बहुत खुश हूं। यह स्कूल बच्चों के समुचित विकास पढ़ाई और संस्कृति दोनों में अव्वल है ...
      Parent
    • मुझे श्री सरस्वती विद्या मंदिर हा० सै० स्कूल, गाजियाबाद में शिक्षकों और छात्रों द्वारा समान रूप से प्रदान किए जाने वाले माहौल के कारण गर्व है। श्री सरस्वती विद्या मंदिर हा० सै० स्कूल, सिहानी, मेँ, पढ़ाई के साथ साथ बौद्धिक विकास भी किया जाता है|
      Student
    • मैं पिछले 5 सालों से श्री सरस्वती विद्या मंदिर हा० सै० स्कूल, सिहानी, गाजियाबाद में बच्चों को पढ़ा रहा हूं और यह मेरे लिए हर समय एक अद्भुत अनुभव रहा है। उनके प्यार और स्नेह ने मुझे हर साल नए उत्साह के लिए प्रोत्साहित किया है।
      Faculty
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